नई दिल्ली: NIOS Deled Good News : सुप्रीम कोर्ट ने दी NIOS DElEd डिग्री को मान्यता, 13 लाख शिक्षकों के लिए बना नया रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) द्वारा संचालित डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (DElEd) की डिग्री को मान्यता प्रदान कर दी है। यह निर्णय उन 13 लाख शिक्षकों और उम्मीदवारों के लिए राहतभरा है जिन्होंने इस कोर्स को पूरा किया है। साथ ही, अब भविष्य में इस कोर्स को करने वाले उम्मीदवार भी प्राथमिक शिक्षक (PRT) की रिक्तियों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
NIOS Deled New Update : क्या है NIOS DElEd और क्यों थी रोक?
NIOS DElEd उन शिक्षकों के लिए एक विशेष कार्यक्रम था, जो प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे थे लेकिन उनके पास आवश्यक शैक्षणिक योग्यता नहीं थी। यह कोर्स 2017 के दौरान बहुत लोकप्रिय हुआ, खासकर उन शिक्षकों के बीच जो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अपनी योग्यता को पूरा करना चाहते थे और यह कोर्स 18 महीने का था।
हालांकि, 10 अगस्त 2017 को इस डिग्री पर कानूनी रोक लगाई गई थी। यह रोक इसलिए लगाई गई थी क्योंकि कुछ संस्थाओं ने इस कोर्स की वैधता और इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। इसके बाद इस मामले को लेकर लंबा विवाद चला, और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि NIOS DElEd की डिग्री पूरी तरह वैध है और इसे शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में मान्यता दी जाएगी।
फैसले का प्रभाव : NIOS Deled Good News
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि NIOS DElEd धारक उम्मीदवार अब केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, और अन्य राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों में प्राथमिक शिक्षक (PRT) की वैकेंसी के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे न केवल उनकी रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में प्रशिक्षित और योग्य शिक्षकों की संख्या भी बढ़ेगी।
जल्द होगी आधिकारिक घोषणा : NIOS Deled
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की आधिकारिक कॉपी जल्द ही कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। यह दस्तावेज उन उम्मीदवारों के लिए आवश्यक होगा जो इस डिग्री के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन करना चाहते हैं।
भविष्य की संभावनाएं
इस निर्णय से न केवल वर्तमान DElEd धारकों को फायदा होगा, बल्कि यह उन उम्मीदवारों के लिए भी प्रेरणा बनेगा जो भविष्य में यह कोर्स करना चाहते हैं। NIOS DElEd अब एक मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय विकल्प बन चुका है, जो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक बनने का मार्ग प्रशस्त करता है।
यह निर्णय भारतीय शिक्षा क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है, जो न केवल शिक्षकों को सशक्त बनाएगा, बल्कि छात्रों को भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगा।